Shodashi Secrets

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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

Shiva once the Loss of life of Sati experienced entered into a deep meditation. Devoid of his Electricity no creation was possible and this brought about an imbalance while in the universe. To convey him outside of his deep meditation, Sati took delivery as Parvati.

The Saptamatrika worship is particularly emphasized for the people looking for powers of Regulate and rule, as well as for the people aspiring to spiritual liberation.

गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

The story is a cautionary tale of the power of desire as well as necessity to establish discrimination as a result of meditation and pursuing the dharma, as we progress within our spiritual path.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

Her narratives generally highlight her job during the cosmic struggle in opposition to forces that threaten dharma, thereby reinforcing her position as being a protector and upholder of the cosmic get.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक here विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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